Harsh Healing Hand Foundation®
शिक्षा (गुरुकुल)
हर्ष हीलिंग हैंड फाउंडेशन का उद्देश्य संस्कृत भाषा, सनातन संस्कृति और भारतीय सभ्यता का ज्ञान सरल भाषा में सभी को देना और प्राचीन गुरुकुल शिक्षा प्रणाली को पुनः जागृत करना है।
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अपने समय और कौशल के माध्यम से जरूरतमंदों की मदद करें। शिक्षा, स्वास्थ्य, और सामुदायिक कार्यक्रमों में शामिल होकर समाज के निर्माण में अपना योगदान दें। उज्जवल बनाएं।
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शिक्षा, स्वास्थ्य और कौशल विकास के माध्यम से समाज में बदलाव लाने में हमारा साथ दें। आपका सहयोग सपनों को साकार करने की दिशा में एक बड़ा कदम होगा।


हमारे बारे में
हर्ष हीलिंग हैंड फाउंडेशन एक समाजसेवी संगठन है, जो समाज में जरूरतमंद व्यक्तियों और समुदायों की मदद के लिए कार्यरत है। हमारा उद्देश्य शिक्षा, स्वास्थ्य, कौशल विकास और सामाजिक न्याय के माध्यम से आत्मनिर्भरता और समानता को बढ़ावा देना है।
हम नैतिक मूल्यों के साथ लोगों के ज्ञान और कौशल का विकास करते हैं, जागरूकता फैलाते हैं और असमानता, असुरक्षा और सामाजिक असंतोष को दूर करने के लिए प्रयासरत हैं। हमारा लक्ष्य हर व्यक्ति को एक समान, सुरक्षित और समर्थ समाज प्रदान करना है।
हम सामुदायिक विकास, सामाजिक न्याय और व्यक्तिगत सशक्तिकरण के क्षेत्रों में कार्य करने के लिए पूरी निष्ठा और प्रतिबद्धता से आगे बढ़ रहे हैं।
मुख्य प्राथमिकता
शिक्षा (गुरुकुल)
किसी भी देश की संस्कृति को उसकी भाषा और इतिहास से ही समझा जा सकता है। बिना इतिहास को जाने ज्ञान को व्यावहारिक रूप से अपूर्ण माना जाता है । आज के समय में अधिकांश लोग भारत में संस्कृत भाषा और सनातन संस्कृति और भारतीय सभ्यता को केवल मात्र नाम से ही जानते हैं । आज की शिक्षा प्रणाली में छात्रों को संस्कृत भाषा ,भारतीय सनातन संस्कृति, और सभ्यता को केवल मात्र विषयों के रूप में पढ़ाया जाता है । विद्यार्थी भी शिक्षा को केवल मात्र सूचना के रूप में प्राप्त करते हैं, ज्ञान के रूप में बहुत कम अर्जित कर पाते हैं । भारतीय संस्कृति बहुत प्राचीन है जिसे समझने के लिए इतिहास को पढ़ना और समझना अति आवश्यक है । इसी संदर्भ में हर्ष हीलिंग हैंड फाउंडेशन का उद्देश्य है कि समाज के हर वर्ग, हर आयु और हर लिंग के लोगों को सामान्य ज्ञान के रूप में भारत की सनातन संस्कृति, संस्कृत भाषा और भारतीय सभ्यता के इतिहास को समझाया जाए और सनातन संस्कृति का ज्ञान लोगों को सरल एवं सहज भाषा के माध्यम से दिया जाय ताकि लोगों में संस्कृत भाषा, सनातन संस्कृति और भारतीय सभ्यता के प्रति सम्मान, रुचि जागृत हो एवम् संपूर्ण भारत में प्राचीन गुरुकुल शिक्षा प्रणाली को पुर्नजागृत एवं पुनर्स्थापित करना है।
टिप्पणी:- परियोजना में दिखाए गए चित्र प्रेरणा स्वरूप भविष्य निर्माण योजना के लिए दर्शाए गए हैं
भारतीय सनातन संस्कृति विश्व की सबसे प्राचीन संस्कृति है। विदेशों में भारतीय संस्कृति और सभ्यता का प्रचार एवम् प्रसार प्राचीन काल से ही चला आ रहा है इसका उल्लेख इतिहास में दर्ज है। भारतीय व्यापारियों, शिक्षकों, धर्म गुरुओं और राजदूतों के द्वारा विदेशों में भारतीय संस्कृति और सभ्यता का विस्तृत रुप से प्रचार एवम् प्रसार किया गया। अनेकों देशों पर इसका प्रभाव पड़ा। भारतीय कला, साहित्य, वास्तुकला, भारतीय वेशभूषा और रीति रिवाजों ने विदेशों को प्रभावित किया और विदेशी नागरिकों ने भारतीय संस्कृति को अपनाना आरंभ कर दिया। वर्तमान समय में विदेशों में रह रहे प्रवासी भारतीयों ने विदेशों में भारतीय संस्कृति की अनूठी छाप छोड़ी है, कई देशों के नागरिकों ने सनातन धर्म और संस्कृति को अपना लिया है। आज वे भारत में आकर सनातन धर्म, संस्कृत भाषा और भारतीय सभ्यता पर अध्ययन व योग, ध्यान एवम् साधना की ओर आकृषित हो रहे हैं। इसी संदर्भ में हर्ष हीलिंग हैंड फाउंडेशन गुरुकुल में योग, ध्यान और साधना के लिए आने वाले इच्छुक विदेशी नागरिकों का स्वागत करता है एवं उनके प्रवास के लिए उच्चतम व्यवस्था कराने के लिए अग्रसर हैं ।
गुरुकुल का क्षेत्रफल 506414.253000 वर्ग मीटर कुटीरों के नाम एवम् संख्या :-
खंड 1- कक्षा कक्ष, 1- महर्षि गौतम कुटीर, 2- महर्षि अत्रि कुटीर, 3- महर्षि भारद्वाज कुटीर, 4- महर्षि जमदग्नि कुटीर, 5- महर्षि वाल्मीकि कुटीर, 6- धर्म पताका कुटीर, 7- युगपुरुष कुटीर, 8- शारदा कुटीर, 9- महर्षि वशिष्ठ कुटीर, 10- महर्षि कश्यप कुटीर, 11- महर्षि विश्वामित्र कुटीर, 12- महर्षि वेदव्यास कुटीर, 13- गुरु कृपा कुटीर, 14- लौह पुरुष कुटीर, 15- ज्ञान सागर कुटीर (पुस्तकालय), 16- योग ध्यानम कुटीर, 17- छात्रावास (4 कक्ष), 18- सौष्ठम कुटीर (व्यायाम शाला), 19- आत्मरक्षण प्रशिक्षण कुटीर, 20- ज्योतिष्टोम (यक्षशाला).
खंड 2- 1- अन्नपुर्णा कुटीर (रसोई), 2- कुसुल कुटीर (खाद्य भंडार गृह), 3- भोजनालय.
खंड 3- 1- प्रधानाचार्य कार्यालय, 2- सभापति कार्यालय, 3- कार्यकर्ता कक्ष (शिक्षक), 4- कर्मचारी कक्ष, 5- सुश्रुत चिकित्सालय.
खंड 4- 1- सुष्म वाटिका (बगीचा), 2- सीता शाक वाटिका.
खंड 5- 1- कामधेनु गौशाला, 2- पशु पक्षी बचाव एवं देखभाल कुटीर, 3- पशु चिकित्सालय, 4- सूर्यकुंड जलाशय, 5- आरण्य (हरित क्षेत्र).











शिक्षा और कौशल निर्माण (महिला सशक्तिकरण)

सामूहिक विवाह और जरूरतमंदों की सहायता

कृषक सहायता और क्षेत्रीय विकास

घरेलू हिंसा और मानवाधिकार संरक्षण

पर्यावरण और पशु-पक्षियों की सुरक्षा एवं देखभाल

अपना हाथ उठाकर हमारी दुनिया को बेहतर बनाएं
जब हम सब मिलकर एक साथ कदम बढ़ाते हैं, तो समाज में बदलाव आ सकता है। आपकी छोटी सी मदद भी किसी की ज़िंदगी में बड़ा फर्क डाल सकती है। हम सबका प्रयास ही दुनिया को एक बेहतर और समृद्ध स्थान बना सकता है।
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हर्ष हीलिंग हैंड फाउंडेशन में हम आपके सवालों और सुझावों का स्वागत करते हैं। यदि आपके पास कोई सवाल है या आप हमारे कार्यक्रमों में शामिल होना चाहते हैं, तो कृपया हमसे संपर्क करें। हम आपके साथ जुड़ने के लिए तत्पर हैं।